Rajeev kumar

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लेखनी प्रतियोगिता -11-Oct-2022

तुम बात कर रहे हो 
मेरे दिल की गहराई की 
कुबूल क्यों किया सलाम
किसी नजर पराई की 
जाने  कौन सा शक बीज ड़ाल दे 
और पेड़ बंन जाए जुदाई की 
खुदा की झूठी कसम खाकर 
खुद को महफूज़ करते हो 
ये कैसी रस्म निभाते हो खुदाई की .

 

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4 Comments

Achha likha hai 💐🙏

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Gunjan Kamal

12-Oct-2022 08:15 AM

बहुत खूब

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Abhinav ji

12-Oct-2022 08:13 AM

Very nice

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